बुध ग्रह के बारे में 20 रोचक तथ्य mercury planet in hindi by hindifacts.in
बुध ग्रह से जुड़े रोचक तथ्यों को जानने से पहले हम थोडा बुध ग्रह के बारे में बताना चाहेंगे. दोस्तों अगर हम हमारे सौर्यमंडल में एक नजर घुमाए तो पता चलेगा की बुध ग्रह हमारे सौर्यमंडल का सबसे छोटा ग्रह हे.
इसके साथ ही बुध ग्रह सूर्य के काफी नजदीक होने के कारण उसको सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में सिर्फ 88 दिन का समय लगता हे.जबकि वही दूसरी ओर हमारी पृथ्वी को सूर्य का 1 पूरा चक्कर लगाने में पुरे 365 दिन लग जाते हे. इसी को हम 1 साल कहते हे. यानी की अगर हम हमारा घर बुध ग्रह पर बनाते हे तो वहाँ पर 1 साल सिर्फ 88 दिन का ही होगा. हालाँकि तकनीकी रूप से ये शक्य नहीं हे. लेकिन फिर भी हम इसे उदाहरण के तौर पे ले सकते हे.
mercury planet के बारे में जानकारी–
- बुध ग्रह का व्यास:4,879 किमी
- बुध ग्रह का द्रव्यमान:3.30 x 10 ^ 23 किग्रा (5.5% पृथ्वी)
- बुध ग्रह का चंद्रमा:कोई नहीं
- ग्रह की कक्षा दूरी:57,909,227 किमी (0.39 AU)
- बुध ग्रह की कक्षा की अवधि:88 दिन
- बुध ग्रह के सतह का तापमान:-173 से 427 डिग्री सेल्सियस
- पहला बार रिकॉर्ड:14 वीं शताब्दी ई.पू.
- द्वारा रिकॉर्ड किया गया:असीरियन खगोलविदों
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👉बुध ग्रह के बारे में 20 अनोखे रोचक तथ्य
Mercury planet एक मात्र ऐसा प्लेनेट है, हमारे सोलार सिस्टम में जिसे “एक भी चाँद नहीं” है।
शायद आपको पता नहीं होगा की Mercury planet के “2 years” में सिर्फ “3 days” होते है, यानी की सूर्य के 2 बार चक्कर के दरमियाँ बुध ग्रह सिर्फ 3 टाइम्स अपने धरी पर घूमता है।
बुध ग्रह सूर्य के बहुत करीब होने के बावजूद यहाँ पर तापमान का बदलाव काफी ज्यादा मात्रा में होता है यहाँ दिन के दौरान तापमान 455 ∘c होता है वाही रात में ये घटकर -170 ∘c हो जाता है।
क्या आपको पता है की आखिर बुध यानि की “mercury” नाम कहाँ से आया है? दरअसल mercury planet नाम एक “रोमन देवता“ के उपर से आया है,किंतु ये किस व्यक्ति ने और किस वक्त दिया इसके बारे में आज तक किसी को भी मालूम नहीं पड़ा!
mercury planet का साइज़ हमारे सोलर सिस्टम के शनि ग्रह के उपग्रह Titan से भी छोटा है।
mercury planet पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का सिर्फ 38% भाग है, ये किसी वातावरण के लिए बहुत ही कम है जो सौर हवाओं द्वारा उड़ा दिया जाता है। हालांकि जब गैसें space में बच जाती हैं तो उन्हें एक ही समय में एक ही सौर हवाओं, और रेडियोधर्मी क्षय द्वारा बनी हुई धूल की वजह से फिर से नोर्मल हो जाता है।
mercury planet (बुध ग्रह) के उपर हाईड्रोजन डाइऑक्साइड यानी की पानी नहीं है लेकिन यहाँ पर कुछ मात्रा में बरफ जमी होने की संभावना पाई गई है।
बुध के पास एक छोटा magnetic field है जो पृथ्वी के magnetic field का सिर्फ 1% के बराबर है। लेकिन जब 2004 में messenger नामके स्पेश शटल को mercury planet पर भेजा गया था तब उसने कुछ चौकाने वाले तथ्यों को उजागर किया जिसमे कहा गया की करोडो साल पहले बुध ग्रह की magnetic field पृथ्वी के बराबर ही थी।
बुध ग्रह की दुरी सूर्य से लगभग 57.91 million km और पृथ्वी से दुरी 77 million km की है।
जैसे की हमने आपको बताया की बुध सबसे छोटा ग्रह है जिसका diameter 4,879 किमी है।
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बुध ग्रह का एक दिन हमारे पृथ्वी के हिसाब से तक़रीबन 88 days(दिन) का होता है।
हज़ारो साल पहले लोग मानते थे की हमारे स्पेस में सिर्फ एक नहीं बल्कि दो Mercury planet है, क्योंकी वो उसे एक दिन में दो बार देख सकते थे जिसकी वजह से उनका एसा मानना था।
Mercury planet के बारे में अधिक जानकारी न होने के पीछे कई वजह है जिसमे से एक है की इस ग्रह का सूर्य के इतने करीब होना। अगर हम Hubble telescope का उपयोग करने की कोशीश करेंगे तो sun मेसे निकलने वाले हार्मफुल किरणे इस टेलेस्कोप को ख़राब या बिगाड सकते है।
बुध ग्रह पर atmosphere न होने की वजह से यहाँ पर कोई भी चीज बहुत ही आसानी से atmosphere के अन्दर या बहार जा सकती है। जिसकी वजह से इसके सतह पर बहोत बड़े बड़े गढे पड़ गए है।
अगर कोई इन्सान बुध ग्रह पर मौजूद हो हलाकि ये possible नहीं है। लेकिन जब ये सूरज के नजदीक हो तब वहाँ खड़े इंसान को सूरज 3 गुना अधिक बड़ा दिखेगा पृथ्वी के मुकाबले।
बुध ग्रह सूरज का चक्कर 1,80,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से लगता है। जिसकी वजह से ये सबसे ज्यादा तेज घुमने वाला ग्रह बनता है।
दोस्तों बुध ग्रह हमारे सौर्यमंडल का एक एसा ग्रह हे जिसे हम बिना टेलिस्कोप का उपयोग किए आँखों से देख सकते हे.इसे हम दिन में दो बार देख सकते हे.
आपको जानकर हैरानी होगी की बुध ग्रह को सबसे पहले तक़रीबन 5000 वर्ष पहले ही खोजा गया था. ईस ग्रह को सुमेरी सभ्यता के लोगो द्वारा खोजा गया था.
बुध ग्रह का core यानि की अन्दर का हिस्सा धातु से बना हुआ हे. और यही करण हे ग्रहों पर गुरुत्वाकर्षण होने का. हालाँकि यह पृथ्वी की अपेक्षा छोटा होने की वजह से गुरुत्वाकर्षण कम हे.
बुध ग्रह का एक रोचक तथ्य यह है की, अगर आपका वजन पृथ्वी पर 80 Kg है और आपका ही वजन अगर दोबारा बुध ग्रह पर चेक करेंगे तो सिर्फ 30 Kg ही होगा. तो अगली बार अगर आपसे कोई कहे वजन कम करने को तो उसे बोलना भाई मेरा वजन तो पहले सेही कम हे. फिर आगेगा तो आप उसे ईस तथ्य से लपेट सकते हो. 😂
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