hindifacts.in के प्रिय पाठको का हार्दिक स्वागत है आज के इस लेख “अमेरिका की खोज किसने की थी और कब” में. पुरे विश्व मे अमेरिका ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आज कोई भी देश अमेरिका जैसे देश के साथ दुश्मनी करने से पहले 100 बार सोचता है. तो सवाल ये उठता है की, आखिर 23 ट्रिलियन GDP वाले इस देश, जिसे दुनिया के विकशित देशो मेसे एक माना जाता है. इतने बड़े इकोनोमी वाले देश अमेरिका की खोज किसने की होगी? आइए जानते है.
अमेरिका की खोज किसने की थी और कब |
Q. अमेरिका की खोज किसने की थी और कब?
अमेरिका की खोज का श्रेय क्रिस्टोफर कोलंबस को जाता है. इतिहासकारो के मुताबिक क्रिस्टोफर कोलंबस ने 12 अक्टूबर 1492 को अमेरिका की खोज की थी. लेकिन यह बोलना की अमेरिका की खोज कोलंबस ने की थी यह सही नहीं है. बल्कि कोलंबस ने पहली बार अमेरिका को पश्चिमी यूरोपियन देशो से परिचित कराया था यह बोलना सटीक बैठता है.
हमने जब क्रिस्टोफ़र कोलंबस के बारे में और रिसर्च की तब पता चला की क्रिस्टोफ़र कोलंबस को अमेरिका का खोजकर्ता इसीलिए बोला जाता है क्यूंकि वो अपने पहली समुद्री यात्रा के दौरान सन 1492 में एक कैरीबियन द्वीप पर पहुँच जाता है. और अपने पहले कदम इस जमीन पर रखता है. इसे फिर उसने लैंड ऑफ़ स्पेन भी कहा. जिसे आज हम अमेरिका के नाम से जानते है.
क्रिस्टोफर कोलंबस से पहले भी बोहोत सारे लोग वहाँ पर जा चुके थे. जैसे की, वाईकिंग्स! लेकिन जब कोलंबस पहली बार इस कैरीबियन द्वीप पर पंहुचे थे तब वहां पर पहले से ही लोग रह रहे थे. वहां के स्थानीय लोग पिछले कई हजारो सालो से वहां पर रह रहे थे. इसीलिए अमेरिका का इतिहास काफी जटिल और बहुआयामी है. जिसकी वजह से यह बताना की आखिर अमेरिका की खोज सबसे पहले किसने की वह अभी भी शोध का विषय है.
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कोलंबस कौन था?
क्रिस्टोफर कोलंबस एक इटालियन खोजकर्ता था. जिसका जन्म 31 अक्टूबर 1451 में जेनोआ नाम के शहर में हुआ था. जो आज के समय में इटली के नाम से प्रसिद्ध है. कोलंबस के पिता एक wool weaver यानी की उन के कपडे बनाने का काम करते थे. और वह एक व्यापारी का काम भी करते थे. इनका नाम डोमेनिको कोलंबो था. क्रिस्टोफर कोलंबस की माता का नाम सुषाना फोन्टनरोसा कोलंबस था. कोलंबस के 3 भाई और 1 बहन भी थी.
नाम | क्रिस्टोफर कोलंबस |
जन्म तारीख | 31 अक्टूबर 1451 |
जन्म स्थल | जेनोआ (Republic of Genoa) currently known as Italy |
पिता का नाम | डोमेनिको कोलंबो |
माता का नाम | सुषाना फोन्टनरोसा कोलंबस |
कोलंबस की फॅमिली की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उनकी सुरुआती पढाई स्कूल में नही हो पाई. लेकिन उनके माता पिता ने कोलंबस को लिखना, पढना और सामान्य गणित का ज्ञान जरुर दिया. आगे चल कर कोलंबस ने बोहोत सारी अन्य भाषाए भी सीखी जैसे की, पुर्तगाली (Portuguese), स्पेनिस (Spanish), और लैटिन.
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बड़े होकर कोलंबस नाविक के तौर पर काम करने लगता है और यहाँ पर वो एक नाविक के सभी गुण सीखता है जोकी चाहिए होता है एक नाव को चलाने से लेकर उसके देखभाल करने के लिए. कोलंबस नेवीगेशन और नक़्शे पढने की कला में भी माहिर बनता है. और यही कला आगे चल कर उसके बोहोत काम आने वाली होती है.
इसके बाद कोलंबस सन 1477 में लिस्बन चले जाता है. और यहाँ पर वह एक नक्शा बनानेवाले कारीगर के तौर पर काम करता है. और फिर यही से सुरुआत होती है कोलंबस के सफ़र की!
कोलंबस ने अमेरिका की खोज कैसे की?
अमेरिका की खोज किसने की थी और कब |
यूरोप के लोग 15th और 16th सदी तक पुर्वीय एशिया की ओर जाने का रास्ता खोज रहे होते है. इसी वख्त कोलंबस भी पुर्वीय एशिया यानि की भारत, चीन, और जापान जाने के लिए रास्ता ढूँढने की कोशिश कर रहा होता है. जिससे की वह भारत में होने वाले मसालो और कपड़ो का आसानी से व्यापर स्थापित कर सके. इसीलिए कोलंबस ने फिर सोचा की “दुनिया तो गोल है! तो अगर में पूर्व की जगह अगर में पश्चिम दिशा से भी यात्रा करूँगा तो उसी जगह पहुँचूँगा.” यह सोच कर उसने यात्रा करने का प्लान बना लिया.
कोलंबस ने यह विचार सबसे पहले पुर्तगाल के राजा किंग जॉन-II को बताया. लेकिन वहां पर राजा कोलंबस की इस मांग को नकार देते है. उसके बाद कोलंबस हार न मानकर स्पेन के राजा फर्डीनांड और Queen Isabella से यात्रा के लिए पैसो की मांग करता है. सुरुआत में तो यहाँ भी मना कर दिया जाता है. लेकिन फिर आखिरकार फंडिंग मिल जाती है.और इसी के साथ क्रिस्टोफर कोलंबस अपनी यात्रा पर निकल पड़ता है.
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कोलंबस अपनी यात्रा के दौरान 3 जहाजो को अपने साथ ले कर गया था. इसमें से दो छोटी जहाज थी और 1 बड़ी! जिस्का नाम सांटा मारिया होता है. इन जहाजो की साइज 15 मीटर से लेकर 36 मीटर जितनि लम्बी होती है. कोलंबस अपने यात्रा पर 90 लोगो को अपने साथ लेकर जाता है. और अपनी यात्रा सन 1492 में स्पेन से सुरु करता है.
अपने 10 हफ्तों के लंबे सफर के बाद क्रिस्टोफर कोलंबस को जमीन दिखती है. जमीन को देखने के बाद कोलंबस की खुशी का ठिकाना नहीं रहता. उसे लगता है कि उसने सच में भारत की खोज कर ली है लेकिन वो गलती से एक छोटे से टापू पर पहुच जाता है. जिसका नाम बहामास होता है. इस टापू को फिर वह आईलैंड फॉर किंग एंड क्वीन ऑफ़ स्पेन कहता है।
इस टापू पर पहले से ही लोग रह रहे होते हैं. इसीलिए क्रिस्टोफर कोलंबस को लगता है कि, वह सब भारतीय हैं. कोलंबस की यह यात्रा यूरोपियन लोगों के लिए एक नई जमीन पर बसने के लिए नए दरवाजे खोल देती है.
इसके बाद कोलंबस अपना सफ़र जारी रखता है. सफर के दौरान क्रिसमस के दिन सन 1492 मैं उनका जहाज “सांटा मारिया” एक पत्थर के साथ टकरा जाता है. और टूट जाता है. इसलिए कोलंबस अपने दुसरे छोटे जहाज में चढ़ जाता है. यहाँ पर कोलंबस अपने 39 साथियों को हिस्पैनिओला नामके टापू पर वहां के लोगो के साथ हिलने-मिलने और एक नए समझौते के लिए छोड़ देता है और मार्च 1493 को वापस स्पेन लौट जाता है.
स्पेन में क्रिस्टोफर कोलंबस की खूब वाहवाही होती है. और ढेर सारे पुरस्कार दिए जाते हैं. कोलंबस को समुद्र का नौसेना अध्यक्ष बना दिया जाता है. तथा उसे गवर्नर का पद भी दिया जाता है.
कोलंबस और तीन यात्रा करता है जिसमें वह जापान को ढूंढते हुए क्यूबा पहुंच जाता है. इसके बाद साउथ अमेरिका मैं भी अपने पैर पसारता है. इसी दौरान जिस जगह पर कोलंबस ने अपने साथियों को एक टापू पर छोड़ा था उस जगह पर वहाँ के लोगों द्वारा बड़े विरोध और हिंसक गतिविधियां देखने को मिलती है. और माहौल इतना खराब हो जाता है कि यूरोपियन्स को हालात को काबू में लाने के लिए दूसरे गवर्नर को भेजना पड़ता है. वही क्रिस्टोफर कोलंबस से गवर्नर की पदवी छीन ली जाती है. और बंधक बना लिया जाता है. और स्पेन वापस लौट आता है.
अंत में एक और बार आखिरी यात्रा करता है. और सन 1506 में क्रिस्टोफर कोलंबस की मृत्यु हो जाती है. लेकिन जाते जाते भी कोलंबस को यही लगता था की उसने भारत का रास्ता खोज लिया है.
अमेरिका के इतिहास में कोलंबस की भूमिका
इटालियन खोजकर्ता क्रिस्टोफर कोलंबस ने अमेरिका के इतिहास में एक एहम भूमिका निभाई थी. क्रिस्टोफर कोलंबस ही वो इंसान था जिसने यूरोपियन देशो को अमेरिका से अवगत कराया था. सन 1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस ने अमेरिका के नए इतिहास की सुरुआत की. जब वो अपने समुद्री सफ़र के दौरान कैरिबियन द्वीप पर जा पहुंचता है जो असल में दक्षिणी अमेरिका का भाग होता है लेकिन कोलंबस को लगता है की उसने हिंदुस्तान और चीन से व्यापर करने का रास्ता खोज लिया है.
कोलंबस का ये सफर अमेरिका के इतिहास में एक नया मोड़ लाता है और फिर वही से सुरु होता है नए अमेरिका का सफ़र. जिसे कोलंबस “नई दुनिया” के नाम से पुकारता है. कोलंबस की यात्रा स्पेनिस लोगो के लिए एक नया द्वार खोल देती है, लोगो को इस नई दुनिया में रहने या अपनी प्रजा बसाने के लिए और खुदका फायदा दीखता है. जिसकी वजह से फिर यूरोपियन लोग धीरे धीरे साउथ अमेरिका, मध्य अमेरिका और कैरेबियन द्वीप पर कब्ज़ा कर लेते है और एक नए समुदाय की सुरुआत करते है.
तो ये है कहानी क्रिस्टोफर कोलंबस की. एक इटालियन खोजकर्ता जिसने सुरुआत एक नई दुनिया की. हालाँकि क्रिस्टोफर कोलंबस कभी भी नोर्थ अमेरिका (उत्तरीय अमेरिका) तक नहीं पंहुचा था. ये अमेरिका का वही भाग है जहा U.S.A. देश मौजूद है. जिसे कई लोग अमेरिका के नाम से भी जानते है.
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आपके ज्ञान के लिए बतादे की, अमेरिका दो महाद्वीपों में बटा हुआ है (1)नॉर्थ अमेरिका (2)साउथ अमेरिका. और यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा जैसे देश नार्थ अमेरिका का भाग है.
कोलंबस उसके सफ़र के दरमियान सिर्फ दक्षिणी अमेरिका तक पंहुचा था. उत्तरी अमेरिका पर उसके पैर नहीं पड़े थे. फिर धीरे धीरे लोगो ने खोज चालू की और पुरे अमेरिका पर अपना घर बसाया. इसीलिए अगर देखा जाए तो कोलंबस की काफी एहम भूमिका रही है अमेरिका के इतिहास में.
कोलंबस के इतनी बड़ी खोज के बावजूद दुनियाभर में ढेर सारे लोग उसकी आलोचना और निंदा करते है. जो कुछ भी ख़राब हरकते उसने की थी उन हरकतों को सही नहीं मानते है. जो लोग पहले से रहवासी थे उनके साथ कोलंबस ने खूब अत्याचार किया था. इसके अलावा यह भी माना जाता है की, कोलंबस ने लोगो को बंधी बनाकर उनके साथ बुरा व्यवहार और कैदियो की तरह काम करवाया था. इसकी वजह से आज भी कोलंबस की आलोचना की जाती है.
अमेरिका में हर साल अक्टूबर महीने का दुसरा सोमवार कोलंबस डे के नाम से मनाते है. इस दिन पुरे देश में सार्वजनिक तौर पर छुट्टी मनाई जाती है. और लोग तरह तरह के प्रोग्राम रखकर इस दिन का जश्न मनाते है. इस दिन को कोलंबस की याद में मनाया जाता है. 12 अक्टूबर 1492 के दिन ही कोलंबस ने पहली बार अमेरिका के धरती पर अपना पहला कदम रखा था.और इसीलिए सन 1937 से कोलंबस डे मनाया जाता है.
तो प्रिय पाठको हमें उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल “अमेरिका की खोज किसने की थी और कब” आपको पसंद आया होगा! अगर आपका कोई सवाल या फिर कोई सुझाव देना हो तो आप हमें निचे कमेंट में लिख कर जरुर बताईए. पूरा लेख पढने के लिए धन्यवाद.
क्रिस्टोफर कोलंबस कौन था?
क्रिस्टोफर कोलंबस एक इटालियन खोजकर्ता था. जिसने अमेरिका की खोज में एहम भूमिका निभाई थी. क्रिस्टोफर कोलंबस ही वो इंसान था जिसने यूरोपियन देशो को सन 1492 में अमेरिका से अवगत कराया था.
कोलंबस का जन्म कब हुआ था?
क्रिस्टोफर कोलंबस का जन्म 31 अक्टूबर 1451 में जेनोआ नाम के शहर में हुआ था.
कोलंबस का जन्म कहाँ हुआ था?
क्रिस्टोफर कोलंबस का जन्म 31 अक्टूबर 1451 में जेनोआ नाम के शहर में हुआ था.
कोलंबस क्यों प्रसिद्द है?
अमेरिका की खोज का श्रेय क्रिस्टोफर कोलंबस को जाता है. इतिहासकारो के मुताबिक क्रिस्टोफर कोलंबस ने 12 अक्टूबर 1492 को अमेरिका की खोज की थी. जिसकी वजह से कोलंबस ने प्रसिद्धि प्राप्त की है.
कोलंबस क्या खोजना चाहता था?
क्रिस्टोफर कोलंबस असल में भारत और चीन आने का समुद्री रास्ता खोजना चाहता था. जिससे की वह आसानी से मसालों और कपड़ो का व्यापर किया जा सके. लेकिन गलती से वो अमेरिका की खोज कर लेता.
कोलंबस ने 1492 में किस स्थान की खोज की?
क्रिस्टोफर कोलंबस ने 12 अक्टूबर 1492 को अमेरिका की खोज की थी.
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